शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
जिंदगी की किताब
ब्लॉग में लिखना क्या डायरी में लिखने के समान है मैनें खुद से ही पूछा तो जवाब मिला नहीं ..क्योंकि जब बातें लोगों के सामने हों तो पर्दादारी आ ही जाती है....कोई कितना भी सच्चा हो पर अपनी कलई शायद खुद नही उघाड़ेगा....और कोई दूसरा उघाड़े तो उस पर मानहानी जरूर ठोक देगा फिर भला इस ब्लॉग में लिखने और पढ़ने का क्या औचित्य....यही सोच रही थी सोचा चलो बांट लेती हूं ये भी बात शायद मेरी तरह सोचने वालों की भी एक बिरादरी होगी जो साफगोई पसंद होंगे तो उन्हें भी लगेगा कोई हम जैसा सोचता है.... पहले मैं भी हर दिन तो नहीं पर हां किसी-किसी खास दिन फिर वो चाहे अच्छे अहसास वाले हों या फिर बेहद दुख देने वाले पल उन्हें डायरी के कोरे पन्नों पर चस्पा करके थोड़ी राहत जरूर महसूस करती थी....सालों बाद आज उन्हें पढ़कर बड़ा अच्छा लगता है कि वाकई वो अहसास उस समय के थे .....जिसे न लिखती तो आज दोबारा उन्हें कैसे महसूस कर पाती ....चलिए ये सब तो निजी बातें है ब्लॉग में इनका क्या काम....थोड़ी दुनिया की कहें.....आज मैनें हार्ट सर्जन से इंटरव्यू किया बचपन से ही खास महिलाएं मेरे आकर्षण का केंद्र रहीं....आज जब मैनें उनसे बात की तो उनकी सादगी ने वापस मुझे अपने सादे पन पर गर्वित किया ....कितनी खास पर कितनी आम...जिनकी जिंदगी में बाहरी आडंबर को कोई जगह ही नहीं पूरी तरह समर्पित अपने काम के प्रति ....महिला होके टी.वी. पर सुंदर दिखने का कोई आकर्षण नहीं....लोगों को उनकी बातों से क्या संदेश मिला कैसे लोग दिल की बीमारी के लक्षणों को जानकर अपनी ज़िंदगी को बचा सकें इस पर ही उनका ध्यान था.....जिसने मुझे बहुत दिन पहले पढ़े शिवानी के उपन्यास की याद दिला दी ....लगा जैसे वो शिवानी के उपन्यास की जीवंत पात्र मेरे सामने बैठी है...उन्होंने कहा कोई भी काम लड़की या लड़कों का नही होता जिसमें योग्यता है वो उस काम के काबिल होता है....हर शर्त पूरी करके आगे बढ़ के यश कमाने वाली महिलाएं कितनी छोटी लग रहीं थी मुझे उनके सामने......आज उनसे मिल कर प्रोग्राम करना केवल अपनी ड्यूटी पूरा करना नहीं था पर अपने आप को और करीब से जानना था ...उनकी बातों ने मुझे एक बार फिर अपने आप पर नाज करने का मौका दिया .....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
SOCHIYE TO, WAQT HOTA TO KAUN SA CHITRA LAGATIN AAP IS BLOG ME..? AGAR SOCH PAYEN TO AAP APNE ME EK CHITRAKAR KO BHI DHOOND PAYENGI, EK ACHCHHE VYAKTI KE SAATH SAATH
जवाब देंहटाएंaapki soch behatarin hai
जवाब देंहटाएंcome to my blog
http://mydunali.blogspot.com/
स्वागत है आपका ब्लोग जगत में
जवाब देंहटाएंबधाई
आपका बहुत बहुत स्वागत है ज्योति .
जवाब देंहटाएं"शायद मेरी तरह सोचने वालों की भी एक बिरादरी होगी जो साफगोई पसंद होंगे तो उन्हें भी लगेगा कोई हम जैसा सोचता है"
जवाब देंहटाएं...
"कोई भी काम लड़की या लड़कों का नही होता जिसमें योग्यता है वो उस काम के काबिल होता है"
बहुत अच्छी सोच है धन्यवाद्|
जवाब देंहटाएंज्योति जी
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत स्वागत है ...!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
साफगोई ही सबसे सही होती है ज्योति जी, लेकिन एक बात समझ में नहीं आई वो यह की आपने ब्लॉग का नाम ही रखा है "मेरी देहरी "
जवाब देंहटाएंअब देहरी का छत्तीसगढ़ी में देखें तो चौखट या दहलीज़ होता है ना, तो आपने अपनी सीमा शुरू से ही बाँध ली है... ऐसा क्यं भई.
खैर, ब्लॉग जगत में शुभकामनाओ के साथ स्वागत है आपका... आशा है ब्लॉग पर निरंतरता बनाये रखेंगी..छत्तीसगढ़ से एक और ब्लॉग देख कर ख़ुशी हुई...
ज्योति जी आपका स्वागत है !!!!
जवाब देंहटाएं___________________
http://www.coralsapphire.blogspot.com
http://rimjhim2010.blogspot.com/
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
हिन्दी ब्लाग लेखन में आपका स्वागत है, लिखते रहिये, और दूसरों को प्रोत्साहित करते रहिये ।
जवाब देंहटाएंइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंyour style is lucid and fantastic. u have bright chance in blogging
जवाब देंहटाएंस्वागतम देवी !
जवाब देंहटाएंहर शर्त पूरी करके यश कमाने वाली महिलाओं से तो मुझे खासी चिढ है
उनकी वजह से हम सबका चरित्र कटघरे में खडा हो जाता है