शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

आंसू हैं ताकत

 आंसू तेरे नाम.....

तुम कहते हो आंसू का बहना अच्छा होता है..आंसू से मन को ताकत मिलती है...आंसू अगर ना बहें तुम्हारे तो तुम विक्षिप्त हो जाओगे..कितनी विडम्बना है ना ये जिसके लिए आंसू बहते हैं वो ही कहते हैं बहने दो इसे बह जाने दो...वो प्रेम ही क्या जो आंसू के रूप में आखों को सजल ना करे...सुनने में तो बात बड़ी अजीब लगी पर यथार्थ में महसूस किया तो सच मानिए बड़ी खुशी हुई कि आप आत्मा से इतने मासूम हैं कि वो किसी के प्रेम मे विलग होने पर विछोह में रोते हैं..किसी के मिलने पर भी खुशी से आंखे नम होती हैं...यही तो सहजता है जो आज किसी-किसी में ही देखने को मिलती है..और अगर खुद में मिले यकीन मानिए खुशनसीब हैं कि आप सही मायने में इंसान है...जीवन के छोटे-बड़े अनुभव लेते जीवन का एक लंबा वक्त हमने जी लिया...कभी वर्तमान में तो कभी स्मृतियों में...ये भी तुमने ही मुझे समझाया कि हम अपना ज्यादातर जीवन स्मृतियों में जीते हैं तभी शायद अलग होकर भी हम खुश रह पाते हैं,जी पाते हैं..स्मृतियां भी तो कभी वर्तमान थी जिसमे अगर आपने अपना सौ फीसद जिया है तो वो सुखद और संतोषप्रद ही होती है..कोई अफसोस नहीं होता और जब कभी आप खुद के साथ होते हैं तो वही पल आपकी ताकत बन जाते हैं....



मंगलवार, 30 जनवरी 2018

राजिम कुंभ-कल्प 2018

मेरी राजिम यात्रा
राजिम की यात्रा मैने कई बार की और इसकी स्मृतियां मेरे मानस पटल पर सदा के लिए अंकित है..स्कूल कॉलेज में पिकनिक के लिए गए तो राजिम की रौनक कुछ और थी...नौकरी करते वक्त अपने साथियों के साथ पिकनिक में नदियों की सुंदरता ने प्रेम से मन को मोहा..परिवार के साथ पूर्णिमा में राजिम भक्ति के रंग में रंग गया..सालों बाद कल जब राजिम कुंभ पर कार्यक्रम करने के लिए निकली तो राजिम में आस्था के साथ मनोरंजन के अलावा धर्म का राजनीतिकरण दिखा,लोगों की सुविधा के नाम पर भ्रष्टाचार की कलई खोलती परतें दिखीं..नदियों को बचाने के प्रयास के नाम पर नदियों को खत्म करने की बानगी दिखी, ये तो मेरे अपने अनुभव हैं जो साल दर साल बदलते गए...पर राजिम अपने आप में मेरे लिए सदा खास रहा प्रेममय रहा....पढ़ने वालों के लिए भी राजिम को जानना जरूरी है..महानदी,पैरी और सोंढूर नदी के संगम पर बसा है छत्तीसगढ़ का राजिम। पवित्र नदियों के संगम के कारण राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। यहां हर साल माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक विशाल मेला लगता है। संगम के मध्य में कुलेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है । कहा जाता है कि वनवास काल में श्रीराम ने अपने कुलदेवता महादेव जी की पूजा की थी। इस क्षेत्र को कमलक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है..मान्यता है कि भगवान विष्णु ने धरती पर कमल गिराया और कहा कि जहां ये गिरे वहां मेरा मंदिर का निर्माण कराया जाए..और पंखुड़ियों पर शिव के मंदिर स्थापित किए गए इसलिए राजिम से ही पंचकोशी यात्रा भी की जाती है.चकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते है तथा धुनी रमाते है, १०१ कि॰मी॰ की होती है ये यात्रा। राजिम कुम्भ में विभिन्न जगहों से हजारो साधू-संतो का आगमन होता है, प्रतिवर्ष हजारो की संख्या में नागा साधू, संत आते है, और शाही स्नान तथा संत समागम में भाग लेते है, महाकुम्भ में विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में लोग आते है,और भगवान श्री राजीव लोचन, तथा श्री कुलेश्वर नाथ महादेव जी के दर्शन करते है, और अपना जीवन धन्य मानते है



रविवार, 28 जनवरी 2018

छत्तीसगढ़ का बीजापुर


लालगढ़ में महिला कमांडो
बहुत दिनों के बाद आज फिर लेखनी की दुनिया में जाने को मन मचल उठा..आज एक बार फिर ब्लॉग के जरिए खुद से और आप सभी से बात करने का मन किया..कितने भी दोस्त हों,कितने भी आपके अपने हों फिर भी आप जितनी बातें अपने आप से करते हैं उतनी शायद किसी से नहीं..चलिए कुछ ऐसा ही वाकया आपसे बांटूं ..एक प्रोग्राम के लिए मुझे छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर जाने का मौका मिला..नक्सलवाद से आज कोई अनभिज्ञ नहीं है...फिर भी आज हमारी बात इससे इतर है..क्योंकि मुझे यहां मिलना था उन महिला कमांडो से जो इन इलाकों में पोस्टेड हैं...इनकी खूबियां तो मैने आगे लिखी है..पर वो बात जो नहीं लिखी वो ही यहां लिख रही हूं..मॉल,फिल्म और ब्रैंड की दुनिया से दूर ये लड़कियां अपने परिवार के जीवन यापन के लिए इतने चुनौति भरे रास्तों पर चल रहीं हैं जिन्हें देखकर लगता है..कोई आकर देखे तो कैसे हालात हैं सच आपको भी जीने का मकसद जरुर मिलेगा..चलिए अब इनकी खूबियां बताऊं..
लालगढ़ में महिलाओं की धमक, आतंक के खौफ को मात...नक्सल इलाकों में विकास की कमान सम्हालती ...ये हैं बीजापुर की महिला कमांडो...जिन्होंने ली है इन हालातों से निपटने की खास ट्रेनिग और ट्रेनिग पूरी कर ये उतर चुकी हैं जमीनी जंग के लिए...नदी पार करना हो ..जंगली जानवरों से निपटना हो या फिर विकास के कार्य की जिम्मेदारी हो..हर चुनौती के लिए सजग चौकस और मुस्तैद...इन महिला कमांडो को विस्फोटक, IED, बारूदी सुरंग, आरओपी, एमसीपी, कांबिंग गश्त, एरिया डॉमिनेशन, सिविक एक्शन, एंबुश, मैप रीडिंग, GPS से लेकर बलवा तक से निपटने में महारत हासिल है.महिला कमांडो के फील्ड पर आने से नक्सली चुनौतियों को निपटने में भी मदद मिल रही है..अपनी इन्ही खूबियों और समर्पण से ये आज दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभर रही हैं.छ
त्तीसगढ़ की इन महिला कमांडो को हम सलाम करते हैं....ज्योति सिंह

स्वयंसिद्धा सोनल मिश्रा


 लड़कियों के लिए मिसाल


माता-पिता जब बेटी के जन्म को अपने जीवन का पुण्यफल समझें तो... सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं उस लड़की की काबिलियत का.. और ये कहना है सोनल मिश्रा की मां का...स्वभाव से सरल.. इरादे से बुलंद... चुनौतीपूर्ण पुलिस का करियर ये पहचान है सोनल मिश्रा की... आईपीएस सोनल मिश्रा वर्तमान में प्रशासन छत्तीसगढ़ पुलिस में डीआईजी हैं... मां की प्रेरणा, अच्छी परवरिश .. ईमानदार कोशिश और कुछ कर गुजरने के जज्बे ने सोनल को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है... 15 फरवरी 1974 को जन्मी सोनल 2000 में आईपीएस अधिकारी बनीं..शुरुआती पढ़ाई रायपुर से हुई उसके बाद अलग-अलग जगहों पर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की.. इलेक्ट्रॉनिक्स से इंजीनियरिंग करने के बाद सोनल ने आईआईटी कानपुर से एम टेक किया और 1999 में IES में सेलेक्ट हो गईं...और रेलवे ज्वाइन किया .. पर सोनल लोगों के लिए कुछ करना चाहती थीं.. तो उन्होंने फिर से UPSC की परीक्षा दी.. और 33वां रैंक हासिल कर ..बन गईं आईपीएस अधिकारी...10 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग एएसपी के तौर पर तमिलनाडु के त्रिचि जिले में हुई... पुलिस के रोमांचक और चुनौतीपूर्ण करियर के 15 सालों के बाद आज सोनल रायपुर में डीआईजी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं...पुलिस को सोनल ऐसा क्षेत्र मानती हैं.. जिसके जरिए वो लोगों की रक्षा और न्याय के लिए लड़ सकती हैं... बचपन से ही पढ़ाई में तेज सोनल को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लिखना भी बेहद पसंद है.. इसके अलावा सोनल ने लक्षद्वीप में स्कूबा डायविंग की है.. तो ऑस्ट्रेलिया में स्काई डायविंग... हिमालय में ट्रैकिंग का अनुभव भी सोनल के साथ है.. वे दो बच्चों की मां हैं.. और सफल दांपत्य जीवन के साथ अपने चुनौतीपूर्ण करियर की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं....