रविवार, 28 जनवरी 2018

छत्तीसगढ़ का बीजापुर


लालगढ़ में महिला कमांडो
बहुत दिनों के बाद आज फिर लेखनी की दुनिया में जाने को मन मचल उठा..आज एक बार फिर ब्लॉग के जरिए खुद से और आप सभी से बात करने का मन किया..कितने भी दोस्त हों,कितने भी आपके अपने हों फिर भी आप जितनी बातें अपने आप से करते हैं उतनी शायद किसी से नहीं..चलिए कुछ ऐसा ही वाकया आपसे बांटूं ..एक प्रोग्राम के लिए मुझे छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर जाने का मौका मिला..नक्सलवाद से आज कोई अनभिज्ञ नहीं है...फिर भी आज हमारी बात इससे इतर है..क्योंकि मुझे यहां मिलना था उन महिला कमांडो से जो इन इलाकों में पोस्टेड हैं...इनकी खूबियां तो मैने आगे लिखी है..पर वो बात जो नहीं लिखी वो ही यहां लिख रही हूं..मॉल,फिल्म और ब्रैंड की दुनिया से दूर ये लड़कियां अपने परिवार के जीवन यापन के लिए इतने चुनौति भरे रास्तों पर चल रहीं हैं जिन्हें देखकर लगता है..कोई आकर देखे तो कैसे हालात हैं सच आपको भी जीने का मकसद जरुर मिलेगा..चलिए अब इनकी खूबियां बताऊं..
लालगढ़ में महिलाओं की धमक, आतंक के खौफ को मात...नक्सल इलाकों में विकास की कमान सम्हालती ...ये हैं बीजापुर की महिला कमांडो...जिन्होंने ली है इन हालातों से निपटने की खास ट्रेनिग और ट्रेनिग पूरी कर ये उतर चुकी हैं जमीनी जंग के लिए...नदी पार करना हो ..जंगली जानवरों से निपटना हो या फिर विकास के कार्य की जिम्मेदारी हो..हर चुनौती के लिए सजग चौकस और मुस्तैद...इन महिला कमांडो को विस्फोटक, IED, बारूदी सुरंग, आरओपी, एमसीपी, कांबिंग गश्त, एरिया डॉमिनेशन, सिविक एक्शन, एंबुश, मैप रीडिंग, GPS से लेकर बलवा तक से निपटने में महारत हासिल है.महिला कमांडो के फील्ड पर आने से नक्सली चुनौतियों को निपटने में भी मदद मिल रही है..अपनी इन्ही खूबियों और समर्पण से ये आज दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभर रही हैं.छ
त्तीसगढ़ की इन महिला कमांडो को हम सलाम करते हैं....ज्योति सिंह

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