मैकल की रानी चिल्फी
ये पहाड़ों के उतार चढ़ाव, ये घाटी के ढलान, घने जंगलों के ये
सन्नाटे आपकों सहज ही रोमांच से भर देते हैं और एकपल को आपको रुककर देखने को मजबूर
भी करते हैं....इन हरी भरी घाटियों को देखकर समझ आता है कि कवि की कल्पना क्यों
इनके इर्द गिर्द घूमती है..क्यों सुंदर गीत इन पर लिखे जाते हैं...
ये है मैकल की रानी चिल्फी घाटी
कवर्धा जिले का खूबसूरत हिल स्टेशन । वैसे तो यहां मौसम हर वक्त खुशनुमा होता है
पर चिल्फी घाटी में जाड़े के दिनों मे कड़ाके की
ठंड और जमी बर्फ ये ये सफेद रंग की चादर से ढंककर कुछ और ही खूबसूरत हो जाती है ।
चिरईयां के फूल, पहाड़ों पर ऊंचे-ऊंचे पेंड़,बादलों का अ˜दभुत नजारा,बैगा आदिवासियों की ठेठ देसी जीवन आकर्षित करता है।
सरोदा दादर एक सुंदर, सुरम्य जगह है जो चिल्फी घाटी पर स्थित है, जहां से पहाड़ों की असली सुंदरता, सूर्योदय और सूर्यास्त के दुर्लभ नजारे , दिन के बदलते मिज़ाज और बादलों के बदलते आकार
का आनंद कोई भी आसानी से ले सकतें हैं, ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए
यह पसंदीदा जगह है। पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा
देने राज्य सरकार की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा पर्यटकों को सुविधा देने एवं उन्हें आकर्षित करने के लिए
सर्वसुविधायुक्त रिसोर्ट, आकर्षक कुटीर एवं अन्य आश्रय स्थलों का निर्माण किया जा रहा है।
सरोदा जलाशय पर्यटकों के लिए
महत्वपूर्ण स्थान रखता है शाम को नजारा देखते ही बनता है ये सनसेट प्वॉइंट के रूप
में विकसित हो चुका है
इसका निर्माण 1963 में उतानी नाला को बांध कर किया गया ..शहर के शोरगुल से दूर अगर
आप शांत वातावरण में रहना चाहते हैं तो एंकात को महसूस करने के लिए ये प्राकृतिक
नजारे आपको अच्छा मौका देते हैं
यहां पर टूरिज्म की बड़ी संभावना है।
सरोदा दादर और पीड़ाघाट में वॉच टॉवर बना है। भोरमदेव अभयारण्य के जामुनपानी और प्रतापगढ़ में जंगल सफारी
कर वन्यप्राणियों को देख सकते हैं। यहां
से कान्हा नेशनल पार्क भी घूमने जा सकते हैं। पहाड़ों पर ट्रैकिंग व कैंपिंग का मजा ले सकते हैं। इन
सबमें सबसे खास यहां की आदिवासी संस्कृति है, जो विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
बैगा आदिवासी हमारे लिए सदा ही आकर्षण
का केंद्र रहा है ..इनका जीने का अंदाज ..इनके रीति रिवाज ..पहनावा..खान पान सब
कुछ हमे हैरत में डालता है..
कवर्धा रायपुर से 120 किलोमीटर है
रायपुर हर जगह से ट्रेन से जुड़ा हुआ है निकटम रेल्वे स्टेशन राजनांदगांव या डोंगरगढ़ है..अगर आप सड़क मार्ग
से आना चाहे तो बस या कार से आ सकते है चिल्फी घाटी कवर्धा से 58 किलोमीटर दूर है
रास्ते में सरोदा जलाशय का आनंद भी ले सकते हैं।